दूसरे विभाग में पदस्थ कर्मचारी का भी ट्रांसफर, तीन साल से जो जमे हुए वो टस से मस नहीं, 9 माह पहले पदस्थ फिर नई जगह भेजे गए

 

रायपुर 02 जुलाई, 2025। वाणिज्य विभाग में हुए तबादला सूची की पड़ताल में अजब-गजब खुलासे हो रहे हैं। तबादला सूची में एक नाम तो ऐसा है, जिनकी मौत छह माह पहले हो चुकी है। एक नाम ऐसा है जो दूसरे विभाग में पदस्थ हैं। इसके अलावा ढेरों नाम ऐसे हैं जिनका ट्रांसफर उसी जगह पर कर दिया गया है, जहां वे पहले से ही पदस्थ हैं।

नई तबादला नीति की घोषणा होते ही तबादलों की बाढ़ सी आ गई। इसमें सबसे ज्यादा ट्रांसफर वित्त और वाणिज्य विभाग में हुए हैं। वाणिज्य विभाग में तबादलों की चार से ज्यादा सूची जारी की गई है। असंतुष्टों को मनाने के लिए इस बार अलग से आवेदन करने की व्यवस्था की गई है। काउंटर बंद होने के दो दिन के भीतर ही प्रभावित हुए 30 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने आवेदन कर असहमति जता दी है। इससे संशोधन सूची जारी करना आवश्यक हो गया है।

किस तरह की विसंगति मिल रही है:-

1)निरीक्षक सत्या गुप्ता किसी दूसरे विभाग में पदस्थ हैं। लेकिन उनका तबादला सूची में नाम है।

2) दयाशंकर नेताम जी का कुछ माह पूर्व निधन हो चुका है।

3) स्थानांतरण नीति में 10% कर्मचारियों अधिकारियों का स्थानांतरण करना था नीति के विपरीत 15 से 20% तक स्थानांतरण किया गया।

4) नरेंद्र वर्मा, नरेंद्र पटेल, श्रवण महतो, नवदीपक साहू, दिनेश ध्रुव, तपन दास, वैभव प्रधान का समायोजन या इस तरह किया गया है कि उन्हें शहर न बदलना पड़े। या फिर उनकी च्वाइस का काम होता रहे।
6) बहुत सारे अधिकारी जो तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। लेकिन उनका स्थानांतरण नहीं किया गया है। उनके स्थान पर ऐसे कई लोगों का तबादला कर दिया गया है जिन्हें पदस्थ हुए 9 महीने भी नहीं हुए हैं। उदाहरण के लिए नरेंद्र वर्मा पिछले तीन वर्षों से नया रायपुर में पदस्थ है लेकिन उनको गंभीर शिकायत तो होने के बावजूद नया रायपुर में ही पदस्थ बताया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि बड़े अधिकारी इन्हें बचा रहे हैं।

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