छत्तीसगढ़ के KK की पूरी कहानी पढ़े: खाते में 300 करोड़ लेनदेन करने वाले केके श्रीवास्तव की कोरबा से लेकर यूपी-दिल्ली तक थी धमक

रायपुर। वो भी क्या दिन थे, जब “KK” का कलेक्टर – एस. पी. को फोन आता था और साहब सारे कामकाज छोड़कर “KK” का इंतजार करने लगते थे। आफिस का काम बंद। लोगों से मिलना- जुलना बंद। प्यून भी चेम्बर के गेट पर अटेंशन मुद्रा में। “KK” को किसी वजह से आने में विलंब हो जाये, तो साहब घण्टों इंतजार करते थे। ये था एक समय “KK” का रुतबा। कभी ब्लाक स्तर का अदना सा अधिकारी रहा “KK” के पैर जमीन पर नहीं रहते थे। अब वही “KK” करीब साल भर की फरारी के बाद गिरफ्तार हो गया है। इसके साथ ही पर्दे के पीछे छुपे कई किरदारों के बेनकाब होने की उम्मीद की जाने लगी है।

कोरबा जिले में करोड़ों का खेल

यह वही “KK” है, जिसने अपने राजनीतिक रसूख से कोरबा जिले के नदी- नालों और जंगलों को जहरीले फ्लाई ऐश से सराबोर कर कऱोडों रुपये बटोरे। इसे फ्लाईएश परिवहन के लिए “समग्र” ठेका दिया जाता था, फ्लाईएश के उठाव से लेकर निपटान तक का काम करना होता था। ठेका का दर भी, बाजार दर से ढाई से तीन गुना होता था। ब्लेक स्मिथ के नाम से यह कारोबार होता था। तब कहा जाता था कि इसे जो बेशुमार टेण्डर रेट दिया जाता था, उसमें सपोर्ट करने और दादागिरी की ओर से आंखें बंद रखने, फ्लाईएश निस्तारण करने वाली कम्पनी को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण देने के लिए कोरबा से लेकर राजधानी तक रसूखदार नेताओं का परसेंटेज फिक्स था। सूबे के सत्ता में सबसे बड़े नेता से, कौशिल्या माता मंदिर चंदखुरी के बरास्ते इनकी यारी थी। कलेक्टर- एस.पी. पर यही “यारी” भारी थी। बहरहाल बरखुरदार अब ACB के फंदे में फंस गए हैं और कभी भी सभी राज उगल सकते हैं। यानी कई किरदार सामने आ सकते हैं।

खाते में 300 करोड़ का लेन-देन भी

ठग केके श्रीवास्तव के खातों की जांच में 300 करोड़ का लेन-देन मिला है। ये खाते EWS मकानों में रहने वालों के नाम पर हैं। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दिया है। पुलिस थाने में शिकायत के बाद EOW और ईडी केके श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी थी।

फर्जी दस्तावेज भेज कर रुपये लिए

शिकायतकर्ता अजय कुमार ने पुलिस को बताया, कि आरोपी श्रीवास्तव ने रावत एसोसिएट का पैसा गबन करने के लिए उनकी कंपनी ग्लोमैक्स इंडिया और छत्तीसगढ़ सरकार का एक फर्जी दस्तावेज बनाकर भेजा था। इस फर्जी दस्तावेज को देखने के बाद श्रीवास्तव के बताए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए।

पुलिस के अनुसार आरोपी श्रीवास्तव के अकाउंट्स की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने पैसा 80 से ज्यादा बार में अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर किया है। जिन अकाउंट्स में पैसा ट्रांसफर किया गया, उनकी जांच भी जारी है।

हवाला के माध्यम से दिल्ली भेजा पैसा

श्रीवास्तव पर आरोप है कि वह नेताओं के पैसों का मैनेज करता था। उसने हवाला के माध्यम से दिल्ली में पैसा भिजवाया है। उसने नेताओं की काली कमाई को वाइट किया है। ईडी को प्रारंभिक जांच में इसके प्रमाण मिले हैं।

ठगी/ धोखाधड़ी का दर्ज है अपराध

आपको बता दें कि यूपी के रावत एसोसिएट के एडमिन मैनेजर अजय कुमार ने तेलीबांधा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। अजय के मुताबिक केके श्रीवास्तव ने उनके मालिक अर्जुन रावत को 500 करोड़ का काम दिलाने का आश्वासन दिया और फिर फर्जी दस्तावेज भेजकर ठगी की। श्रीवास्तव के साथ उसके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई थी।

एफआईआर में यह दर्ज किया गया है कि प्रदेश के सबसे बड़े नेता भगोड़े ठग केके श्रीवास्तव से तांत्रिक पूजा करवाते थे। ये नेता भाजपा के हैं या कांग्रेस के, ये नहीं लिखा गया है। लेकिन ठग पर आरोप है कि वो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सबसे बड़े नेताओं के करीबी थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *